पूरे देश में अचानक से CAA कानून की चर्चा होने लगी है , इसका कारण है आज हमारे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश चुनाव होने से पहले Citizenship Amendment Act कानून लागू कर दिया है । हालांकि यह एक्ट दिसंबर 2019 में ही पास हो गया और इसे राष्ट्रपति से भी मंजूरी मिल गई लेकिन इसका देश के अलग अलग हिस्सों से विरोधों से इसे लागू नही किया जा सका ।
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CAA कानून का मलतब क्या है ?
Citizenship Amendment Act के तहत अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई और पारसी शरणार्थियों के लिए भारतीय नागरिकता प्राप्त करने का एक तरीका है ।
इस एक्ट का मुख्य उद्देश्य इन तीन देशों मे धार्मिक उत्पीड़न से ग्रस्त गैर मुस्लिम को जो उन देशों को छोड़ कर भारत मे आना चाहते है , उनके लिए भारत की नागरिकता प्रदान करना है ।
गृह मंत्री अमित शाह के caa को लेकर विचार
अमित शाह ने इस एक्ट को लेकर अपने x अकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा की “मोदी सरकार ने आज नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 को अधिसूचित कर दिया। ये नियम अब पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को हमारे देश में नागरिकता प्राप्त करने में सक्षम बनाएंगे। इस अधिसूचना के साथ प्रधान मंत्री श्री नरेंद्रमोदी जी ने एक और प्रतिबद्धता पूरी की है और उन देशों में रहने वाले हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों के लिए हमारे संविधान निर्माताओं के वादे को साकार किया है।”
caa कानून पारित कब हुआ
नागरिक (संशोधन) कानून को भारतीय संसद में दिसंबर 2019 में प्रस्ताव रखा गया और 11 दिसंबर 2019 को यह पारित किया गया , हालांकि 12 दिसंबर को इसे राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी दी गई । जब इसका प्रस्ताव संसद भवन में रखा गया तो 125 वोट इनसे पक्ष में थे जबकि 105 वोट इसके विपक्ष में थे , जिसके चलते caa कानून पारित हो गया।
जब यह इसका प्रस्ताव संसद में रखा गया तब यह एक CAB यानी (Citizenship Amendment Bill) था और जब बाद में राष्ट्रपति की मंजूरी मिली तो यह Citizenship Amendment Act बन गया ।
क्या Caa कानून मुस्लिम विरोधी है?
नागरिक (संशोधन) कानून भारत के पड़ोसी तीन मुस्लिम देशों मे अल्प संख्यक विशिष्ट धार्मिक समुदाय ( हिंदू, सिख, जैन, ईसाई, बौद्ध और पारसी ) के लोगो को उत्पीड़न से बचाने के लिए उन्हें भारतीय नागरिकता प्रदान करता है। हालांकि इसका भारत के अनेक स्थानों पर विरोध किया जा रहा है कि यह कानून मुस्लिम विरोधी है इसमें मुस्लिमो को शामिल नहीं किया गया है।
Caa कानून मे मुस्लिमो को शामिल क्यों नहीं किया गया
इस एक्ट में मुस्लिमो को शामिल न करने को कारण भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने यह बताया की इन तीनों देशों मे मुस्लिम समुदाय बहु संख्यक है जिस कारण उन्हें धार्मिक उत्पीड़न का सामना भी करना पड़ता जबकि वही अन्य संप्रदाय के लोगो को वहा पर उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है जिससे की वहा उनकी संख्या और भी कम होती जा रही हैं।
Caa कानून से किसे होगा फायदा ?
caa कानून के तहत भारतीय नागरिकता देने का अधिकार अभी तक केवल केंद्र सरकार को ही है । इस एक्ट के तहत पाकिस्तान , अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए शरणार्तियो को नागरिकता मिल सकती है ।
हालांकि बता दे कि इस एक्ट के तहत उन्ही लोगो को भारतीय नागरिकता मिलेगी जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत मे आकर बस गए है इनमे बोहोत सारे वैध जो अपने देस्तावेजो के साथ आए है और बोहत सारे बिना देस्तावेजों के भी आए है जिससे की इन्हे अब तक भारतीय नागरिकता भी मिल सखी इसी को देखते हुए Caa कानून लागू किया ताकि इन शरणाथियो को भी भारतीय नागरिकता प्रदान की जा सके।